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"जज़्बात" लिख दूं जज़्बात कही किताबों में, फिर कही भूल जाऊ ना लफ्ज़ वो सारे, जिक्र हो रहा तेरा मेरे जज्बातों में, बरस जाएं बनके बारीशों में वो सारे। हरा है ...